Proning क्या है | Proning कैसे करें | Prone Position For Covid | What Is Proning Position For Covid – कोविड के मरीजों को सांस लेने में काफी तकलीफ होती है क्योंकि कोविड सीधे फेफड़ों पर अटैक करता है। वहीं, ऑक्सिजन की कमी के चलते गंभीर मरीजों के लिए सांस लेना काफी मुश्किल होता जा रहा है। सांस लेने में तकलीफ हो तो हल्के और माइल्ड लक्षणों वाले लोगों को इससे मदद मिल सकती है उनके लिए प्रोनिंग के कुछ आसान तरीके सुझाए हैं, जिसे प्रयोग में लाकर कोरोना मरीजों में ऑक्सीजन लेवल को सुधारा जा सकता है
#Unite2FightCorona
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) April 22, 2021
Proning as an aid to help you breathe better during #COVID19 pic.twitter.com/FCr59v1AST
क्या होती है Proning | What Is Proning Position For Covid
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक,
प्रोनिंग एक तरह की प्रक्रिया है जिससे मरीज अपना ऑक्सीजन लेवल खुद ही सुधार सकता है.
ऑक्सीजनाइजेशन तकनीक में ये प्रक्रिया 80 प्रतिशत तक कारगर है.
इस प्रक्रिया को अपनाने के लिए आप पेट के बल लेट जाएं.
मेडिकली भी ये प्रूव हो चुका है कि प्रोनिंग करने से सांस लेने में हो रही तकलीफ में आराम मिलता है.
इससे ऑक्सीजन लेवल में सपोर्ट मिलता है.
होम आइसोलेशन में कोरोना मरीजों के लिए प्रोनिंग काफी मददगार है.
प्रोन पोजीशन सुरक्षित है और इससे खून में ऑक्सीजन लेवल के बिगड़ने पर इसे नियंत्रित किया जा सकता है.
इससे आईसीयू में भी भर्ती मरीजों में अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं.
वेंटिलेटर नहीं मिलने की स्थिति में यह प्रक्रिया सबसे अधिक कारगर है.
प्रोनिंग से होगा कोविड मरीजों के वेंटीलेशन में सुधार
जब ऑक्सीजन का स्तर 94 से नीचे आ जाए, तो होम आइसोलेशन में रहते हुए कोविड मरीज को प्रोनिंग करनी चाहिए । प्रोनिंग की यह स्थिति वेंटीलेशन में सुधार करके मरीज की जान तक बचा सकती है ।
कैसे करें प्रोनिंग | Prone Position For Covid


• प्रोनिंग के लिए लगभग चार से पांच तकियों की जरूरत होती है |
• सबसे पहले रोगी को बिस्तर पर पेट के बल लिटाएं ।
• एक तकिया गर्दन के नीचे सामने से रखें ।
• फिर एक या दो तकिए गर्दन, छाती और पेट के नीचे बराबर में रखें ।
• बाकी के दो तकियों को पैर के पंजों के नीचे दबाकर रख सकते हैं । ध्यान रखें इस
दौरान कोविड रोगी को गहरी और लंबी सांस लेते रहना है ।
30 मिनट से लेकर करीब दो घंटे तक इस स्थिति में रहने से मरीज को बहुत आराम मिलता है । लेकिन 30 मिनट से दो घंटे के बीच मरीज की पोजीशन बदलना जरूरी है । इस दौरान मरीज को दाई और बाई करवट लिटा सकते हैं ।
प्रोनिंग करते समय ध्यान रखने योग्य बातें
• खाने के तुरन्त बाद प्रोनिंग करने से बचें ।
• इसे 16 घंटों तक रोजाना कई चकों में कर सकते हैं, इससे बहुत आराम मिलेगा ।
• इस प्रकिया को करते समय घावों और चोट को ध्यान में रखें ।
• दबाव क्षेत्रों को बदलने और आराम देने के लिए तकियों को एडजस्ट करें । प्रोनिंग कब नहीं करनी चाहिए
• गर्भावस्था में महिला का प्रोनिंग करने से बचना चाहिए ।
• गंभीर कार्डियक स्थिति में प्रोनिंग से बचें ।
• यदि स्पाईन से जुड़ी कोई परेशानी हो या फिर पेल्विक फैक्चर हो, तो प्रोनिंग करने
से नुकसान हो सकता है ।
• भोजन करने के तुरन्त बाद प्रोनिंग की प्रक्रिया से बचें ।